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सारंग मंदिर

श्रेणी ऐतिहासिक, धार्मिक, प्राकृतिक / मनोहर सौंदर्य

पन्ना से महज 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह है सारंग मंदिर, जिसे सुतीक्ष्ण मुनि का आश्रम भी कहा जाता है। यहां रामपथ गमन के दौरान भगवान राम, लक्ष्मण और सीता अक्षय वट के नीचे ऋषि अगस्त के शिष्य सुतीक्ष्ण मुनि को दर्शन दिए थे और ऋषियों पर हो रहे अत्याचार को लेकर राक्षसों के संहार के लिए इसी धरती पर भगवान राम ने अपना धनुष रखा था। यहीं पर राम जी ने दोनों भुजा उठाकर राक्षसों के संहार के लिए प्रतिज्ञा ली थी। इसका वर्णन अरण्यकांड में भगवान तुलसीदास की रामायण में किया गया है।